कुछ दिन दफ्तर के माहौल से दूर
खुली हवा में सांस लेने का अवसर भरपूर ।
शहर से दूर शहर की भीड़ से दूर
सच और ईमान से रूबरू का अहसास भरपूर ।
सुना, जाना पहचाना, चर्चित नाम
काला पानी
आया मैं भी जानने सेल्युलर जेल की जुबानी ।
नीला अंबर, हरा, नीला समंदर
अनूठे पोर्ट ब्लेयर का नजारा सुंदर ।
तैरते जहाज, दौड़ती किश्तियां और
उठती लहरें
पुलकित तन, मन इन नावों, लहरों के संग
तैरे ।
कहानियां, किस्से सुने अनसुने
अनेक
बहुरंगी, मनोहारी, अछूते दृश्य
एक से एक ।
·
के. के.- 100 कविनगर
· गाजियाबाद
- 201 002
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